♻♻हमारे महाराज जी ♻♻ एक बार एक सत्संगी करीब 6 साल पहले मनगढ़ जब गयीं तो वहां पर चित्रकूट की चर्चा हुई। मनगढ़ में लेक्चर से पहले चित्रकूट का ही वर्णन किया गया। तो दिमाग इसी बात पर लगा रहा कि चित्रकूट के जंगलो में आखिर क्या है? महाराज जी का फोटो देखकर हाथ ऊपर किये हुए वो देखकर वो वापिस मनगढ़ से आने लगीं साथ में एक और सत्संगी भी थे। उनसे भी ट्रेन आने तक इसी विषय पर चर्चा होती रही। ट्रेन में हम वैठ गये दोनों। दोनों महाराज जी का चित्रकूट के शरभंग आश्रम का ही चिन्तन कर रहे थे। एक घण्टे के सफर के बाद एक सज्जन उनकी सामने वाली सीट पर बैठे थे। उन्हें कुछ हमारी बातों से लगा कि ये लोग महाराज जी के यहाँ से आयें हैं। तो वो कहने लगे कि महाराज जी के यहाँ जा नहीं पाये हैं पर बडा सुना है उनके बारे में। आगे उन्होंने बताया कि वो चित्रकूट के जंगल में हर साल जाते हैं। सत्संगियो की जिज्ञासा बढी चित्रकूट का नाम सुनकर। तो हम उन 60 साल के सज्जन से बोले क्या है वहाँ पर। तब उन्होंने जो बताया उनके रिक्वेस्ट पर वो बता रहे हैं। वो बोले कि एक बार वो पांच साल के थे और उनके भाई 6 साल के। तो उनके ...
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