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अप्रैल, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

न्याय करने वाले भगवान, कृपा करने वाले भगवान।

*समोहं सर्वभूतेषु न मे द्वेष्योस्ति न प्रिय:।* एक तो यह स्वरूप है भगवान का। न मेरा कोई प्रिय है, न मेरा कोई शत्रु है। जो जैसा कर्म करता है उसके अनुसार मैं उसको फल देता हूं। न्यायाधीश हूं, मुन्सिब।  ये भगवान तो न्यायी हैं। जब सृष्टि होती है और सब जीव शरीर धारण करके आ जाते हैं तो उन्हीं के साथ-साथ हरेक  जीव  के शरीर में भगवान भी आकर बैठ जाते हैं और उसके प्रत्येक क्षण के प्रत्येक आइडियाज नोट करते हैं। वो क्या सोच रहा है? वो क्या कर रहा है ये नोट नहीं करते। क्या सोच रहा है, मन का कर्म नोट करते हैं। और तमाम जन्मों के हमारे जो संचित कर्म हैं, उनसे निकालकर कुछ अंश प्रारब्ध कर्म के रूप में भुगवाते हैं। बहुत सारे काम करते हैं, हृदय में बैठकर के अलग अलग-अलग। इन का नाम है परमात्मा। ये केवल न्याय करते हैं। ये कर्म नहीं करते। आप अच्छा कर रहे हैं, बुरा कर रहे हैं, कुछ नहीं बोलते। *द्वा सुपर्णा सयुजा सखाया समानं वृक्षं परिषस्वजाते।* *तयोरन्यः पिप्पलं स्वाद्वत्त्यनश्नन्नन्यो अभिचाकशीति॥* वेद कहता है। यानि प्रत्येक शरीरधारी के अंतःकरण में दो पक्षी रहते हैं। पेड़ एक है शर...

भक्ति के स्तर (level)

1 श्रद्धा 2 साधुसंग 3 भजनक्रिया 4 अनर्थ निवृति 5  निष्ठा 6  रुचि 7 आसक्ति 8 भाव कोई भी साधक अपनी भौतिक शरीर मे भाव के स्तर तक या प्रेम के starting stage तक पहुच सकता है ----------------------------♦------- 9 *प्रेम* 10 *स्नेह* 11 *मान* 12 *प्रणय* 13 राग ( *दास्य भाव के भक्त स्तर*) 14 अनुराग ( *सखा ओर वात्सलय भाव के भक्तो का स्तर*) 15 भाव 16 महाभाव ( *माधुर्य भाव भक्तों का स्तर*)

पत्तल

आपको यह जानकर आश्चर्य होगा, कि हमारे देश में 2000 से अधिक वनस्पतियों की पत्तियों से तैयार किये जाने वाले, पत्तलों और उनसे होने वाले लाभों के विषय में पारम्परिक चिकित्सकीय ज्ञान उपलब्ध है, पर मुश्किल से पाँच प्रकार की वनस्पतियों का प्रयोग हम अपनी दिनचर्या मे करते हैं। आम तौर पर केले की पत्तियो में खाना परोसा जाता है। प्राचीन ग्रंथों में केले की पत्तियों पर परोसे गये भोजन को, स्वास्थ्य के लिये लाभदायक बताया गया है। आजकल महंगे होटलों और रिसोर्ट मे भी केले की पत्तियों का यह प्रयोग होने लगा है। 1. पलाश के पत्तल में भोजन करने से, स्वर्ण के बर्तन में भोजन करने का पुण्य व आरोग्य मिलता है। 2. केले के पत्तल में भोजन करने से, चांदी के बर्तन में भोजन करने का पुण्य व आरोग्य मिलता है। 3. रक्त की अशुद्धता के कारण होने वाली बीमारियों के लिये, पलाश से तैयार पत्तल को उपयोगी माना जाता है। पाचन तंत्र सम्बन्धी रोगों के लिये भी, इसका उपयोग होता है। आम तौर पर लाल फूलों वाले पलाश को हम जानते हैं, पर सफेद फूलों वाला पलाश भी उपलब्ध है। इस दुर्लभ पलाश से तैयार पत्तल को बवासीर (पाइल्स) के रोगियों क...

पूजा पद्धति और उसके मंत्र

राधे राधे। भक्त गणों राधा चरण दास का सभी को प्रणाम।