कबाड़ी को बेच देंगे अपना डायनिंग टेबल, जब जानेंगे ज़मीन पर बैठकर खाने के फायदे
आधुनिकता की इस अंधी दौड़ में हम इतना आगे निकल चुके हैं कि अपने लाइफस्टाइल को बुरी तरह प्रभावित कर बैठे हैं. जिसमें हमारी जिंदगी का एक बहुत महत्वपूर्ण अंग हमारा भोजन भी प्रभावित हुआ है. आज ज्यादातर लोग डायनिंग टेबल पर खाना खाते हैं लेकिन हम बताने जा रहे हैं आपको जमीन पर बैठकर खाने के फायदे जो सीधे तौर पर जुड़े हैं आपके स्वास्थ्य से
कबाड़ी को बेच देंगे अपना डायनिंग टेबल, जब जानेंगे ज़मीन पर बैठकर खाने के फायदे
कबाड़ी को बेच देंगे अपना डायनिंग टेबल, जब जानेंगे ज़मीन पर बैठकर खाने के फायदे
नई दिल्लीः आधुनिकता की इस दौड़ में आज हम ऐसे मोड़ पर आ खड़े हुए हैं जहां हम अपनी लाइफस्टाइल को पूरी तरह से बदल चुके हैं. लेकिन इस बदलती जिंदगी में कई चीजें ऐसी भी हैं जिनको पीछे छोड़ देने से हमें सिर्फ नुकसान के अलावा कुछ भी नहीं होने वाला. इस क्रम में हम आज बात करने वाले हैं जिंदगी के एक अहम हिस्से भोजन की. जिसको आज हम डायनिंग टेबल पर बैठकर खाते हैं. लेकिन आपको बता दें कि डायनिंग टेबल पर खाना खाने के चलते हम जमीन पर बैठकर खाने की आदत को भूलते जा रहे हैं. लेकिन आपके लिए ये जानना बेहद जरूरी है कि कुर्सी पर बैठकर भोजन करने से कहीं ज्यादा बेहतर होता है जमीन पर बैठकर भोजन करना. और हम आपको आज बताने जा रहे हैं जमीन पर बैठकर भोजन करने और आपके स्वास्थ्य के बीच का बड़ा संबंध.
यह हैं जमीन पर बैठकर खाने के फायदे
1.अच्छे पाचन के लिए उत्तम
जब जमीन पर खाने के लिए बैठा जाता है, तो उसमें पैरों को क्रॉस करके बैठा जाता है. इस स्थिति को एक तरह का योगासन भी माना जाता है. पालथी मारकर बैठना सुखासन या अर्ध पद्मासन की तरह होता है. योग में इस आसन को पाचन के लिए अच्छा माना जाता है. इस बारे में ऐसी धारणा है कि जब आप इस आसन में खाने के समक्ष बैठते हैं, तो आपके मस्तिष्क में आहार को पचाने का सिग्नल जाता खुद ही मिल जाता है.
नीचे बैठकर खाते समय मुंह में कौर लेने के लिए पहले खाने की तरफ थोड़ा झुकना पड़ता है, फिर निगलने के लिए पुरानी स्थिति में आया जाता है. खाने के दौरान इस बार-बार इस प्रकिया के होने से पेट की मांसपेशियां सक्रिय होती हैं और खाना पचानेवाले एसिड्स का स्राव भी तेज़ी से होता है, जिस वजह से पाचनतंत्र आसानी से अपना कार्य करता है. और खाना जल्दी पचकर हमारे शरीर में पौष्टिक तत्वों को भरता है.
2. दिल को मज़बूत बनाता है जमीन पर बैठकर खाना
जमीन पर बैठकर खाने से शरीर में रक्त का संचार आसानी से होता है. जिसके चलते ह्रदय आसानी से रक्त का संचार आहार पचाने में मदद करनेवाले अंगों तक पहुंचा पाता है. इससे ह्रदय पर किसी तरह का कोई प्रेशर नहीं पड़ता और ह्रदय स्वस्थ भी रहता है. डायनिंग टेबल पर बैठकर खाने से रक्त का संचार पैरों की ओर भी होता है, जबकि खाते व़क्त पैरों को इसकी ज़रूरत नहीं होती. इसलिए जमीन पर बैठकर खाना ज्यादा बेहतर होता है. जमीन पर बैठकर खाना खाने से हार्ट अटैक का खतरा भी कम रहता है.
3. ओवरईटिंग से बचाता है जमीन पर बैठकर खाना
डायनिंग टेबल की अपेक्षा जमीन पर बैठकर खाने से आप ज़्यादा खाने से बच सकते हैं. जमीन पर बैठकर खाते वक्त सुखासन में बैठने से दिमाग़ शांत रहता है और भोजन पर ध्यान केन्द्रित रहता है. इसके अलावा पेट से दिमाग तक संदेश पहुंचाने वाली वेगस नस दिमाग को तुरंत सिग्नल देती है कि अब पेट भर गया है. ओवरईटिंग न करने से वज़न भी कंट्रोल में रहता है. इसलिए डायनिंग टेबल से ज्यादा बेहतर होता है जमीन पर बैठकर खाना.
4. कैलोरी संतुलन में मदद देता है जमीन पर बैठकर खाना
जमीन पर बैठकर खाने से आप धीरे-धीरे खाते हैं. धीरे खाने की वजह से आपका पूरा ध्यान खाने पर रहता है. ऐसे में आप सोच-समझ कर पौष्टिक और नियंत्रित मात्रा में खाते हैं. आपके ऐसा करने से कैलोरी का सेवन भी कम हो जाता है.
5. शरीर को लचीला बनाता है जमीन पर बैठकर खाना
जमीन पर बैठकर भोजन करने से बने पद्मासन से कूल्हों, पीठ के नीचे का हिस्सा और पेट के आसपास की मांसपेशियों में खिचाव होता है और ऐसा प्रतिदिन करने से मांसपेशियों में खिंचाव होने से शरीर लचीला बनता है.
6. जोड़ों के लिए फ़ायदेमंद है जमीन पर बैठकर खाना
जमीन पर बैठने से घुटने, टखने और कूल्हे के जोड़ लचीले बनते हैं और जब जोड़ों में लचीलापन आता है, तो जोड़ों के बीच चिकनाई भी बनी रहती है, जिससे उठना-बैठना आसान हो जाता है. इसके अलावा ऐसा करने से आर्थराइटिस, ऑस्टियोपोरोसिस जैसी हड्डियों की बीमारी से बचाव में सहायता मिलती है.
7. बैठने के तरीके को सुधारता है जमीन पर बैठकर खाना
जमीन पर बैठकर खाने से आसन सुधरता है. क्योंकि जमीन पर बैठते वक्त आसन अपने आप सही रहता है, क्योंकि पीठ और रीढ़ की हड्डी सीधी रहती है. इससे आप गलत तरीके से बैठने से लगनेवाली चोट और उसके दर्द से बचे रहते हैं. इसके अलावा जमीन पर बैठकर खाने से मांसपेशियों और जोड़ों पर ज़रूरत से ज़्यादा तनाव भी नहीं पड़ता.
8. उम्र बढ़ाता है जमीन पर बैठकर खाना
आपको सुनने में ये बात भले ही अटपटी या अजीब लग सकती है लेकिन यूरोपियन जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव कार्डियोलॉजी में छपी एक स्टडी के मुताबिक़, जो लोग ज़मीन पर बैठकर खाना खाते हैं और खाने के बाद बिना किसी मदद के या बिना कोई सहारा लिए उठ जाते हैं, वो लोग ज़्यादा लंबी जिंदगी जीते हैं, क्योंकि वो शारीरिक तौर पर मज़बूत होते हैं और उनका शरी
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राधे राधे ।