एक बार उड़ीसा की दो लड़कियां चन्दा करने निकली थी। रास्ते में एक पोस्टर पढा अस्पताल में खून देने के बारे में। वे अस्पताल गयीं और वहां खून दिया। वहां से जो पैसे मिले थे, चंदे के रूपयों में रखे। चौराहे पर आयी कि ऐक्सिडेंट हो गया। एक लड़की को गहरी चोटे आई थी। बेहोश सड़क पर पड़ी थी। इतने में एक कार आयी। एक लम्बा व्यक्ति कार से उतरा। बेहोश पड़ी लड़की को अपनी कार में रखवाया और अस्पताल जा पहुंचा। डाक्टर आश्चर्य चकित था। अरे यह तो अभी यहाँ से खून देकर गयी थी। आगंतुक के हस्ताक्षर पर इलाज शुरू हो गया बाहर से दवा आदि लाने के पश्चात् आॅपरेशन शुरू हुआ। आगंतुक व साथ की लड़की बाहर प्रतीक्षारत थे। आॅपरेशन सकुशल सम्पन्न होने की जानकारी के पश्चात् आगंतुक वहाँ से चला गया था।। कुछ दिन पश्चात् दूसरी लड़की अपनी उस सहेली को देखने उसके घर गयी। वहां रखी कुछ फोटो में से उस व्यक्ति की फोटो भी उसने वहां देखी। वह चीख पड़ी, अरे मोहिनी यह तो उसी व्यक्ति की फोटो है जिसने तेरी जान बचायी थी तेरा आॅपरेशन कराया था। वो फोटो महाराज जी की थी। कुछ ऐसा ही एक बार और हुआ कि एक लड़के का एक्सीडेंट हुआ तो एक व्यक्ति उसे अपनी कार में बिठ...
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