उद्धव ने भगवान से पूछा कि सबसे बड़ा मूर्ख कौन है?
तो उन्होंने कालिदास नहीं कहा।
उन्होंने कहा,
मूर्खोदेहाद्यहं बुद्धिः पन्थाः मन्निगमः स्मृतः।
ग्यारहवें स्कन्ध के उन्नीसवें अध्याय का ब्यालीसवाँ श्लोक।
सबसे बड़ा मूर्ख वो है जो देखते, सुनते, जानते हुये भी कि हमारे अन्दर कोई है, जिसके कारण हम चल रहे हैं, फिर रहे हैं, देख रहे हैं, सुन रहे हैं, सूँघ रहे हैं, स्पर्श कर रहे हैं, जान रहे हैं, वो चला गया तो कुछ नहीं कर सकते, फिर भी अपने को देह मानते हैं।
#जगद्गुरूत्तम_श्री_कृपालु_जी_महाराज।
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राधे राधे ।