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#गोवर्धन (पूँछरी कौ लौठा)

#ब्रजदर्शन  (आज का पड़ाव 22/11/2016)

जय जय श्रीराधे ब्रजयात्रियों!! गोवर्धन बाबा की पूजा के संग हम सब पूँछरी कै लौठा कौ जयकारो बड़े जोर तै लगामै। नाम तौ बडौ सुनौ पर अब बाकै दर्शन पाएँगे। पूँछरी के द्वार पर ब्रजरक्षक बनौ हुओ बैठो है। ब्रजवासिन की ऐसी ही मान्यता है।

पूँछरी के लौठा के बारे में ब्रज में एक कहावत और है-

"अन्न खाये नहीं पानी पीवै, तोऊ तू परयो सिलौटा, धन्य धन्य पूँछरी कौ लौठा।।"

ब्रज में इस देवता की अनेक लोककथाएँ प्रचलित है। कहते है कि ये (पूँछरी कौ लौठा) भगवान् श्रीकृष्ण के तोष नामक सखा है। कान्हा ने इन्हें कहा कि तुम ब्रज में ही रहो। जो भी गिरिराज की परिक्रमा देने आयें उसकी हाजिरी लिखो।"श्रीकृष्ण ने इन्हें वरदान दिया कि कुछ भी नहीं खायेगा फिर भी सिलौटा (हष्ट पुष्ट) रहेगा।"

वास्तविक प्रसंग यह है कि द्वारिका गमन के समय श्रीकृष्ण ने अपने मित्र लौठा से भी चलने को कहा। उसने कहा, मैं ब्रज तज नहीं जाऊँगा लेकिन तुम्हारे बिना अन्न-जल ग्रहण नहीं करूँगा। तब कनुआ ने कहा, मैं जब तक लौटकर न आ जाऊँ, तुम बिना अन्न-जल के प्राण नहीं त्याग सकते। तभी से वह यहाँ तपस्या कर रहे है और बिना खाएं पिए ही हष्ट पुष्ट हैं।

"गैयन के संग संग आवत है सखा वृंद, उन्हीं में चलत एक नन्द जूँ को ढोटा है।
हाथ धरैं सोटा दूध पीवै अघोटा, गिरिवर की बगल में बैठ्यौ पूँछरी कौ लौठा है।।"

(अमित श्याम गोस्वामी, सेवाधिकारी श्रीराधारानीमन्दिर, श्रीधामबरसाना +919811264984)

जय जय श्रीराधे
🍁🙏🍁

आप सभी ब्रजरसिक भक्तजन अपना नाम एवं शहर इस नंबर पर भेजकर +919811264984 Whatsapp Broadcast के माध्यम से ब्रज 84 कोस यात्रा, श्रीधामबरसाना एवं प्रेमरस से जुड़ सकते है।

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