प्रशन :- हम तुम्हारे हैं और तुम हमारे हो , इन
दोनों में क्या अंतर है?
उत्तर :- ' हम तुम्हारे हैं ' यह घृत - स्नेह है। इस स्नेह
में साधक प्रियतम में कमी देखने लगता है। अतः
इसमें पतन होने की संभावना रहती है।
' तुम हमारे हो ' यह मधु - स्नेह है। इसमें
सम्पूर्णतः निष्काम प्रेम होता है। वह केवल
देना - देना ही जानता है।
तुम अपना बनाओ या न बनाओ , हमने तुम्हें
अपना बना लिया। यह भाव उच्च है।
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राधे राधे ।