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२ प्रकार के माया शक्ति :-

१.जीव माया :- जो हमारे ऊपर हावी हैं | 
२.गुण माया :- पृथ्वी,जल,तेज,संसार,मन,शरीर सब गुणमयी माया से बनी हैं |

जीव माया भी २ प्रकारका होता हैं :-
१.आवरात्मिका माया :- ये माया के प्रभाव से जीव अपना स्वरुप भूलता हैं | अपने आपको आत्मा नहीं शरीर मानता हैं |

२.विक्षेपात्मिका माया :-ये माया संसार मे attachement कराता हैं |

मैं कौन मेरा कौन?
दिव्य धारावाहिक प्रवचन-०१२ 
#निखिलदर्शनसमन्वयाचार्य_जगद्गुरुत्तम_श्री_कृपालु_जी_महाराज |

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🌼 युगल सरकार की आरती 🌼

 आरती माधुरी                      पद संख्या २              युगल सरकार की  आरती  आरती प्रीतम , प्यारी की , कि बनवारी नथवारी की ।         दुहुँन सिर कनक - मुकुट झलकै ,                दुहुँन श्रुति कुंडल भल हलकै ,                        दुहुँन दृग प्रेम - सुधा छलकै , चसीले बैन , रसीले नैन , गँसीले सैन ,                        दुहुँन मैनन मनहारी की । दुहुँनि दृग - चितवनि पर वारी ,           दुहुँनि लट - लटकनि छवि न्यारी ,                  दुहुँनि भौं - मटकनि अति प्यारी , रसन मुखपान , हँसन मुसकान , दशन - दमकान ,                         ...

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