एक रहस्य की बात और है , अगर आपको कभी जीवन में कोई महापुरुष मिल जाये , कोई रसिक मिल जाये एक क्षण को एक घण्टे , दो घण्टे को, यद्यपि ऐसा अवसर मिलना अनन्त जन्मों के पुण्य से भी असम्भव है। अनन्त साधनाओं से भी ऐसा सौभाग्य नहीं मिलता । वो तो केवल भगवत्कृपा , गुरु- कृपा से ही मिलता है । तो भगवत्कृपा से ऐसा अवसर मिले तो आप इस लूट से कभी न चूकिये । वो कौन सी लूट है ? जैसे वो संकीर्तन में कुछ भी बोलते हैं , पद बोलते हैं , भगवन्नाम बोलते हैं तो उनकी आवाज को बहुत ध्यानपूर्वक सुनिये ।
यदि आप न भी बोलिये तो भी आप भगवत्प्राप्ति कर सकते हैं , उनकी आवाज सुनकर के समाधिस्थ हो सकते हैं । लेकिन इतना ध्यान रखिये कि जब वो महापुरुष बोल रहा हो तो बहुत ध्यान से प्रत्येक क्षण समाहित चित्त होकर के उसकी आवाज सुनिये । उसकी आवाज में अलौकिकता होती है । जितना आप ध्यान से सुनेंगे उतना ही शीघ्र अंतःकरण में प्रेम का अंकुर उत्पन्न कर सकेंगे ।
इसलिये जरा सी भी लापरवाही न करके प्रत्येक क्षण की प्रत्येक आवाज को ध्यान से सुनकर फिर उसके बाद बोलिये। तो आपके हृदय में वो आवाज जाकर , छू जायेगी । जब आपके अन्तःकरण में महापुरुष की आवाज छू जायेगी तो फिर आपके हृदय में एक विलक्षण सी गुदगुदी और विलक्षण सा दर्द , और अजीब आनन्द जिसे आपने कभी नहीं पाया उसका अनुभव होगा।इसलिये इस लाभ को भी सदा मस्तिष्क में रखें।
।। जय श्री राधे।।
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राधे राधे ।