कान्हा की बाल लीला....
(((((((( खोलेगो तेरो खसम ! ))))))))
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बाल-कृष्ण गोपियों के घर माखन चुराने जाते और जब तक गोपी देखती तब तक भाग जाते,
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एक दिन एक गोपी ने एक तरकीब लगायी गोपी ने माखन निकाला और छीके पर टाग दिया और साथ में एक घंटी बांध दी कि ..
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जैसे ही बाल कृष्ण माखन चुराने आयेगे तो घंटी बज पड़ेगी और में रंगे हाथो कान्हा को पकड़ लूँगी.
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कुछ देर बाद बाल कृष्ण अपने सखाओ के साथ गोपी के घर माखन चुराने आये,
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तभी श्रीदामा जी ने कहा - कान्हा देखो गोपी ने तो मटकी में घंटी बांध दी है ..
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यदि माखन कि मटकी को हाथ लगायेगे तो घंटी बज जायगी और गोपी हमे पकड़ लेगी.
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बाल कृष्ण ने कहा - गोपी हमें नहीं पकडेगी, फिर बाल कृष्ण ने घंटी से कहा - देखो घंटी ! हम सब माखन चुरायेगे पर तुम बजना मत.
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घंटी बोली - ठीक है प्रभु ! नहीं बजुगी.
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अब भगवान ने झट से श्री दामा जी के कंधे पर चढ गए और माखन कि मटकी में से माखन निकाला,
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और एक-एक करके सभी सखाओं को खिलाने लगे
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अंत में बाल कृष्ण ने जैसे ही स्वयं माखन खाया, त्यों ही घंटी बजने लगी, घंटी कि आवाज सुनते ही गोपी आ गई.
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सारे सखा तो भाग गए पर झट गोपी ने कान्हा को पकड़ लिया. और बोली - आज तो रंगे हाथ पकडे गए.
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कान्हा ने कहा - जरा रुको गोपी ! पहले में इस घंटी से तो निपट लू, फिर तुमसे बात करूँगा.
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भगवान ने कहा - क्यों री घंटी ! तूने मेरी बात क्यों नहीं मानी ? मैंने कहा था कि बजना मत
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घंटी बोली - प्रभु ! इसमें मेरा दोष नहीं है देखो जब तक आपके सखाओं ने माखन खाया तब तक में चुप रही परन्तु जैसे ही आपने माखन खाया तो में बज उठी.
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क्योकि मंदिर में जब पुजारी जी आपको भोग लगाते है तो घंटी बजाते है इसलिए आदतन में बज उठी.
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गोपी ने कहा - कान्हा आज बड़े दिनों के बाद हाथ लगे हो, झट गोपी ने एक रस्सी उठाई और बाल कृष्ण को बांधने लगी
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जैसे ही कलाई में रस्सी लपेटती तुरंत फिसल जाती क्योकि बड़े कोमल बाल कृष्ण है.
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गोपी फिर लपेटती फिर रस्सी फिसल जाती,
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बाल कृष्ण बोले - अरे गोपी तोहे बंधनों भी.नाय आय.
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मै बताता हूँ झट बाल कृष्ण ने रस्सी गोपी के हाथ से ली और गोपी के ही हाथ में लपेटने लगे
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देख गोपी ऐसे एक लपेटा फिर कस के गाँठ लगा.
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गोपी - हाँ ठीक है लाला ! मै समझ गई.
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कान्हा - अरे ! अभी कैसे समझ गई, एक गाँठ से क्या होगा एक गाँठ तो मै खोलकर भाग जाऊँगा
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देखो गोपी फिर दूसरी गाँठ इस तरह से कस के लगाना.
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गोपी - हाँ हाँ लाला ! में समझ गई अब खोल दो.
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कान्हा - क्या कहा गोपी खोल दो ! मै काय खोलू खोलेगो तेरो खसम ! और ठेंगा दिखा कर भाग गऐ..
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श्री बाल कृष्ण भगवान की जय
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(((((((((( जय जय श्री राधे ))))))))))
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राधे राधे ।