नेपाल प्रवचन सारांश : अंतिम दिन - 21 सितंबर (2) (9 से 21 सितंबर, शुभ-लाभ पार्टी पैलेस, ललितपुर, नेपाल) प्रवचन विषय : 'वास्तविक संतों की पहिचान' (भाग- 2)
राधे राधे.. नेपाल प्रवचन सारांश : अंतिम दिन - 21 सितंबर (2) (9 से 21 सितंबर, शुभ-लाभ पार्टी पैलेस, ललितपुर, नेपाल) प्रवचन विषय : 'वास्तविक संतों की पहिचान' (भाग- 2) जगद्गुरुत्तम् स्वामी श्री कृपालु जी महाराज की कृपाप्राप्त प्रचारिका पूज्यनिया सुश्री गोपिकेश्वरी देवी जी ने आध्यात्मिक प्रवचन श्रृंखला में अपने अंतिम दार्शनिक उदबोधन में वास्तविक संतों की पहिचान के कुछ लक्षण बताये. अंतिम दिन की व्याख्या का यह दूसरा भाग है. प्रथम भाग में हमने जाना था कि वास्तविक संतों में कौन-कौन सी बातें नहीं होती हैं. अब हम उन लक्षणों को जानेंगे जो वास्तविक संतों में होते हैं. हमें इन लक्षणों को गहराई से समझना है. आइये अब उन्हें ही जानें. कल जो एक बात कही गई थी कि हमको अपने अहंकार से संत कभी नहीं मिल सकते हैं. यह तो भगवान् ही कृपा करके संत से मिलन करवाते हैं. यथा मानस ने कहा है - 'अब मोहिं भा भरोस हनुमन्ता, बिनु हरि कृपा मिलहिं नहिं सन्ता' इसलिए संत की तलाश हमें करनी तो है किन्तु साथ ही भगवान् से कृपा की याचना भी करना है. अगर अहंकार को लेकर ढूँढने चले तो जीवन भर कभी उन...