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🌿।।श्री राधावल्लभो जयति।।🌿
🌿।। श्री हित हरिवंशचन्द्रो जयति।।🌿
🌷 श्री वृंदावन-सत लीला 🌷
क्रमशः से आगे....
🌿वृंदावन सुख रंग की, आशा जो चित होई।
निसि दिन कंठ धरै रहे, छिन नहिं टारौ सोई।।104।।
अतः जिस वृंदावन के सुख रंग की इच्छा हे वह इस माला को सदा धारण किये रहे (अर्थात सदा इसका गान करता रहे) एक क्षण के लिए भी इस रस का चिंतन न छोड़े।
🌿वृंदावन सत जो कहै, सुनि है नीकी भाँति।
निसिदिन तेहि उर जगमगै,वृंदावन की कांति।।105।।
जो कोई इस वृंदावन शत लीला को भाव से कहेगा अथवा सुनेगा उसके हृदय में वृंदावन का प्रकाश झिलमिलाता रहेगा।
🌿वृंदावन कौ चितंवन, यहै दीप उर बार।
कोटि जन्म के तम अघहि, कटि करै उजियार।।106।।
हृदय में श्री वृंदावन के चिंतन रूपी दीपक को प्रज्जवलित कर यह कोटि जन्मों की अघ राशि रूप अंधकार का नाश कर प्रेम का प्रकाश करेगा।
क्रमशः.......
🌷 ।।जय जय श्री राधे।।🌷
।।जय जय श्री हित हरिवंश।।
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