मेरी प्रानन प्यारी आजा, बरसाने वारी आजा।
वृषभानुदुलारी आजा, बरसाने वारी आजा।
नीलाम्बर वारी आजा, बरसाने वारी आजा।
सिर चूनरि वारी आजा, बरसाने वारी आजा।
नथवारी प्यारी आजा, बरसाने वारी आजा।
सुकुमारी प्यारी आजा, बरसाने वारी आजा।
पग पायल वारी आजा, बरसाने वारी आजा।
आकर पुनि कबहूँ ना जा, बरसाने वारी आजा।
मेरे 'कृपालु' ढ़िग आजा, बरसाने वारी आजा।
~~ जगद्गुरुत्तम् स्वामी श्री कृपालु जी महाराज
Happy Radhashtmi Too All Devotees
Radhe Radhe
सभी स्नेही मानसप्रेमी साधकजनों को हमारी स्नेहमयी राम राम | जय सियाराम जय सियाराम जय सियाराम जय जय सियाराम श्रीरामचरितमानस– उत्तरकाण्ड दोहा संख्या 116से आगे ..... चौपाई : सुनहु...
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राधे राधे ।