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*ब्रज लीला में मुख्य वस्तु है "प्रेम"* ब्रह्म का सर्वसार ही प्रेम है

*जय श्री राधे कृष्ण*

*ब्रज लीला में मुख्य वस्तु है "प्रेम"*
ब्रह्म का सर्वसार ही प्रेम है. श्री कृष्ण राधा रानी के चरण पकड़ते हैं इसे समझने से पहले एक बात समझना जरुरी है कि राधा रानी कौन हैं ? ‘रा’ धातु के बहुत से अर्थ होते हैं. देवी भागवत में इसके बारे में लिखा है कि जिससे समस्त कामनायें, कृष्ण को पाने की कामना तक भी, सिद्ध होती हैं।सामरस उपनिषद में वर्णन आया है कि राधा नाम क्यों पड़ा ?
भगवान सत्य संकल्प हैं. उनको युद्ध की इच्छा हुई तो उन्होंने जय विजय को श्राप दिला दिया. तपस्या की इच्छा हुई तो नर-नारायण बन गये. उपदेश देने की इच्छा हुई तो भगवान कपिल बन गये. उस सत्य संकल्प के मन में अनेक इच्छाएं उत्पन्न होती रहती हैं. भगवान के मन में अब इच्छा हुई कि हम भी आराधना करें. हम भी भजन करें.
अब किसका भजन करें ? उनसे बड़ा कौन है ? तो श्रुतियाँ कहती हैं कि स्वयं ही उन्होंने अपनी आराधना की. ऐसा क्यों किया ? क्योंकि वो अकेले ही तो हैं, तो वो किसकी आराधना करेंगे. तो श्रुति कहती हैं कि कृष्ण के मन में आराधना की इच्छा प्रगट हुई तो श्री कृष्ण ही राधा रानी के रूप में आराधना से प्रगट हो गये. इसीलिए ये मान आदि लीला में जो कृष्ण चरण पकड़ते है, एक विशेष प्रेम लीला है. राधा रानी को तो छोड़ दो, वो तो उनका ही रूप हैं, उनकी ही आत्मा हैं.
भगवान कहते हैं - कि तुम निरपेक्ष हो जाओ तो मैं तुम्हारे भी चरणों के पीछे घूमुंगा कि जिससे तुम्हारी चरण रज मेरे ऊपर पड़ जाये और मैं पवित्र हो जाऊं. भगवान तो रसिक हैं जो भक्तों के चरणों की रज के लिये उनके पीछे दौड़ते हैं. जब भगवान भक्तों की चरण रज के लिये भक्तों के पीछे दौड़ते हैं तो राधा रानी के चरण पकडें तो इसमें क्या आश्चर्य ?
जब वो श्री जी के चरण छूने जाते हैं तो वो प्रेम से हुंकार करती हैं. तो रसिक श्याम डर जाते हैं कि कहीं ऐसा ना हो लाड़ली जी मान कर लें. इसीलिए भयभीत होकर पीछे हट जाते हैं. उन चरणों से ही जो सरस रस बिखरा उस रस को पाकर के गोपीजन ही नहीं स्वयं श्री कृष्ण भी धन्य हुए.
*बिहारी जी के प्रकटकर्ता स्वामी हरिदास जी लिखते हैं कि (ता ठाकुर को ठकुराई -----) . वो बोले कि ये मत समझना कि बांके बीहारी जी सर्वोच्चपति हैं. सब ठाकुरों के ठाकुर ये बांके बिहारी हैं. लेकिन इनकी भी ठकुराइन हैं श्री राधा रानी ।।*

*जय जय श्री राधे कृष्ण*

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