( कृष्ण चरण महिमा)
★ भागवत के माहात्म मे भक्ति महारानी के दूख को दुर करने के लिए भक्ति महारानी के माध्यम से नारद जी सम्पुर्ण विश्व को एक सूत्र देते हुए कहते है की---" श्रीकृष्णचरणाम्भोजं स्मर दूखं गमिष्यति"-- अर्थात् श्री कृष्ण के चरणो का स्मरण करने मात्र से ही दूख चला जाता है-- क्योकि भगवान का सम्पुर्ण स्वरुप आनंदमय है ओर जब मन उस आनंद रुप कृष्ण के आनंदरुप चरणो का स्मरण करेगा तो मन को शांति मिलती है ओर सारा दूख चला जाता है--ईसलिए नारद जी सबको सूत्र देते हुए कहते है की " "श्रीकृष्णचरणाम्भोजं स्मर दुखं गमिष्यति"-ईसलिए भगवान के स्वरुप का ओर चरणो का बारंबार स्मरण करना चाहिए-- चरणो से लेकर मुख तक सम्पुर्ण स्वरुप का ध्यान करने से भगवान मे प्रीति बढती है-- बोलिए श्रीमद्भागवत महापुराण की जय--श्री राधे
सभी स्नेही मानसप्रेमी साधकजनों को हमारी स्नेहमयी राम राम | जय सियाराम जय सियाराम जय सियाराम जय जय सियाराम श्रीरामचरितमानस– उत्तरकाण्ड दोहा संख्या 116से आगे ..... चौपाई : सुनहु...
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राधे राधे ।