आरती (बाल रूप)
आरति कीर्ति कुँवरि की कीजै,
जय जय भानुनंदिनी की जै।
कौन सुकृति अस कीरति तेरी,
सुता योगमाया भइ तेरी।
तेरी सुता स्वामिनी मेरी,
अगनित उमा रमा हैं चेरी।
मोहूँ निज सहचरि करि लीजै,
जय जय भानुनंदिनी की जै॥
जग जननी है लाली तेरी,
जग पालन कर लाली तेरी।
लाल स्वामिनी लाली तेरी,
सोइ लाली गति मति रति मेरी।
मोहिं 'कृपालु' टुक ब्रजरस दीजै,
जय जय भानुनंदिनी की जै॥
~~ जगद्गुरुत्तम् स्वामी श्री कृपालु जी महाराज
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राधे राधे ।