(((( श्यामसुंदर को बरसाना बास ))))
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एक बार बरसाने में एक वृजबसी के बेटे की शादी हुई, वो वृजबसिन् ने सबको बुलाया पर राधा रानी को बुलाना भूल गयी ..
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उसको शादीके पहले याद था की बुलाना है पर पर टाइम पर भूल गयी..
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जब शादी हो गयी बहु आ गयी घर तब उसको याद आया हाय राधा रानी को बुलाना तो भूल गयी
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तब वो राधा रानी के पास गयी बोली राधा रानी माफ़ कर दो आपको बुलाना तो भूल गयी मैं..
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राधा रानी बोली कोई बात नहीं भूल गयी तो पर अपने मुझे अपने दिल में तो रखा यही मेरे लिए बहुत शौभाग्य की बात है..
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कितनी उदार है राधा रानी कितनी करुणा शील है
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राधा रानी बोली नयी नवेली बहु कैसी है
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वृजबसिन् बोली अभी अपनी नयी बहु को बुला के लाती है
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जब राधारानी से मिलने गयी थी तो अपनी बहु की रखवाली के लिए वो एक सखी को साथ छोड के गयीं थी बहु के पास..
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वृज वासिन के आने से पहले ठाकुर जी उसके घर गये और दुल्हन का श्रृंगार करके बहु को सुला दिया और खुद बहु बनके घुंघट ओढ़ कर बैठ गए..
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वृजबसिन् बोली बहु से राधा रानी तुझ से मिलना चाह रही जल्दी चल..
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कृष्ण दुल्हन रूप में घूँघट से अंदर से बोले किशोरी जू मुझे याद किया पर में घूँघट ओढ़ के ही जाउगी उनके पास..
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जब महल पहुची तो सास ने बहु से कहा ये व्रज की रानी है, कृष्ण और घूँघट में शरमाते जा रहे थे..
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जब किशोरी जू के पास पहुची तो सास ने कहा बहु से किशोरी जू के चरण स्पर्स करो
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चरण स्पर्स की बात सुनते ही ठाकुर जी बहु रूप में पुलकित हो गये और किशोरी जू के चरण स्पर्श करने लगे..
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किशोरी जू ने मंगल आशीर्वाद दिया.. अपने प्रियतम की हमेसा प्रिया रहो..
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बहुत आशीर्वाद दे कर निहाल कर दिया बहु को, फिर सखी के हाथो बहुत से सुन्दर मणि मोती गहने मेहदी 16 शृंगार नए बस्त्र मगांये दुल्हन के मुख दिखाई के लिए
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और दुल्हन से कहा ये तुम्हारा उपहार है.. अब अपना मुख दिखाओ..
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दुल्हन ने घूँघट में से सर को हिला के मना कर दिया... सारी सखिया मंजरियाँ बिसमृत हो गयी ये कैसी दुल्हन जो किशोरी जू की आज्ञा का पालन नहीं करती..
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राधा रानी फिर विनती की अपना मुख तो दिखाओ हम बहुत अधीर है नयी बहु का मुख देखने को
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बहु ने और ज़ोर से सर हिला कर मना कर दिया
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सास बोली बड़ी बत्तमीज़ है दुल्हन.. राधा रानी की बात नहीं मानती
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राधा रानी बोली मुख दिखाई का उपहार कम लग रहा हो तो ओर दे देगी जितना वो चाहे पर मुख दिखा दे
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बहु ने फिर ज़ोर से मना कर दिया सर हिला के..
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सास ने बहुत समझाया पर बहु नहीं मानी मुख दिखाने को..
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राधा रानी बोली मेंरे से प्रसादी अंलकार भी ले लो और जो चाहो मांग लो पर मुख दिखा दो.. बहु ने मना कर दिया.. सास को गुस्सा आने लगा..
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राधा रानी बोलो बहु से कोई तकलीफ हो तो मुझे बता दो..
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सब सहचरी बोली बड़ी हठी है दुल्हन..
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राधा रानी की अधीरता बढ़ती जा रही है अपने गले का हार भी उपहार में दे दिया पर बहु ना मानी..
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राधा रानी बोली बहु से में तुझे अपने साथ ही रख लू गी पर मुख दिखादे एक बार मोको..
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ये सुनते ही श्यामसुन्दर पुलकित हो गये... आज तो कृपा हो गयी बरसाने का बास मिल गया..
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वो भी निज महल में जहा में नित बुहार लगाता हूँ...अपने प्रिय पीताम्बर से...
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राधा रानी जी बचन दे दिया तो कु अपने निज महल में रख लूं गी...
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बस एक बार अपना मुख दिखादे राधा रानी की अधीरता बढ़ती जा रही थी..
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ललिता जी से देखा नही गयी किशोरी जू की अधीरता, ललिता बोली बहुत हटी है दुल्हन अभी इसे बताती हु हमारी किशोरी को काहे अधीर करे जा रही है..
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दुल्हन के पास जाके बोली जब किशोरी जू तुझ को परम आशीर्वाद दे दिया.. तुझे अपने साथ रख लेगी ऐसा शौभाग्य तो हमे भी कभी कभी मिलता है..
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ओर तू आभार प्रगट करने की जगह एतरा रहि है.. इतनी बड़ी कृपा तुझ को समझ नहीं आ रही है..चल दिखा अपना मुख किशोरी जी को
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बहु ने घूँघट से कोई उत्तर नहीं दिया पर घूँघट के आनंद पुलकाय मान हो गये
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ललिता जी बोली तू ऐसे नहीं मनेगी तुझे में बताती हूँ.. बहु को पकड़ कर हाथ घूँघट ऊपर उठा दिया..
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घूँघट उठते ही महल में सन्नाटा छा गया.. सारी सखिया और मंजरी दुपट्टा मुख पर रख कर मंद मंद मुस्कुराने लगी..
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किशोरी जू के आनंद की सीमा ना रही.. सब ने नयी बहु का ज़ोर दार स्वागत किया..
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चारो और नयी बहु की मंगल बधाई गा रही थी सखिया..
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श्यामसुन्दर लज्जा के मारे घूँघट दुबारा ओढ़ लिए.. तब किशोरी जी नयी बहु के पास गयी और उसका घूँघट निकाल दिया..
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किशोरी जी बोली ऐसी नई बहु की मुख दिखाई में तो में त्रिभुन वार दूं..
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श्याम सुन्दर बोले आज तो जीवन सफल हो गया.. कितने युगों से आस थी बरसाने महल की बास की.. आज पूरी हुई
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कृपा देखो किशोरी बास भी बरसाने में कहां दिया निज महल में निज संग..
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लाड़ली जी बोली आज से हम अपने नयी बहु हमारे लाल जी के साथ निज महल में नित विराजेगे .. जो आज भी विराज मान है
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लाल जू पर कृपा करने बाली लाड़ली जू की जय हो..
लाल जू को बरसाने बास देने बाली की जय हो..
हमारी जीवन धन लाड़ली जी की जय हो..
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(((((((((( जय जय श्री राधे ))))))))))
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राधे राधे ।